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आशा चिकित्सालय

आशाग्राम ट्रस्ट के द्वारा कैंपस में ही कुष्ठ अंतःवासियों को डिस्पेंसरी के माध्यम से निरन्तर ड्रेसिंग व सामान्य बीमारियों का उपचार प्रदान किया जाने लगा, किन्तु कई मरीजों को आवश्यकता पड़ने पर जिला चिकित्सालय में भर्ती किया जाता था जहां उनके साथ उपचार के दौरान भेदभाव होता था तथा लोग उनसे छुआछूत के भाव रखते थे। फलस्वरूप संस्था ने जन सहयोग से 10 बिस्तरों का अस्पताल वर्ष 1988 में प्रारंभ किया गया जो कारगर सिद्ध हुआ। अस्पताल में छोटी-मोटी सर्जरी भी आवश्यकता पड़ने पर की जाने लगी। इस दौरान ट्रस्ट के सेवा प्रकल्प का विस्तार होकर वर्ष 1990 में आशा चिकित्सालय के स्वरूप में स्थापित होकर प्रारंभ में 50 बेड का सुसज्जित ऑपरेशन थिएटर के साथ वृहद स्तर पर संचालित किया जाने लगा। अब वे लोग भी उपचार करने कराने के लिए आने लगे जिन्हें जिला चिकित्सालय में सही उपचार नहीं मिल पा रहा था। संस्था के इस चिकित्सा प्रकल्प ने आम जनमानस के मन में कुष्ठ रोग के प्रति छुआछूत के भाव को भी खत्म किया और समरस समाज की स्थापना में अपना योगदान दिया। किन्ही कारणवश वर्ष 2016 में आशा चिकित्सालय बन्द हो गया था जिसे कोविड-19 की द्वितीय लहर के दौरान बड़वानी कलेक्टर श्री शिवराजसिंह वर्मा के द्वारा अप्रेल 2021 में पुनः सुसज्जित कर आयुष्मान योजना के साथ जन हितार्थ प्रारंभ किया गया। कलेक्टर एवं ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री शिवराजसिंह वर्मा के नेतृत्व में चिकित्सालय दिन-प्रतिदिन उत्तरोत्तर प्रगति की ओर अग्रसर हो रहा है। इस कार्य में भारतीय जीवन बीमा निगम का योगदान आशा चिकित्सालय के ऑपरेशन थिएटर को नवनिर्मित करने मे महती एवं कारगर सिद्ध हुआ है। आज चिकित्सालय का स्वरूप 100 बिस्तरों के रूप में होकर विभिन्न शल्य चिकित्साओं का केंद्र बन गया है।

कोविड-19 की प्रथम एवं द्वितीय चरण में बड़वानी जिलेवासियों सहित आसपास के जिले जैसे आलीराजपुर, धार, झाबुआ, खरगोन, खण्डवा तक के मरीजों के लिए संकट मोचन सिद्ध हुआ है। आशा चिकित्सालय ने जिला कलेक्टर एवं ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री शिवराजसिंह वर्मा सर के संयोजन में 200 बेड के सुसज्जित कोविड केयर सेंटर के रूप में जिलेवासियों की जीवन रक्षा के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसी सेवा के कारण बड़वानी जिला कोविड से ग्रसित मरीजों के लिए जहाँ जीवन रक्षक सिद्ध हुआ है वही गरीब एवं मध्यम वर्गीय परिवार के लिए आर्थिक रूप से भी संबल देने वाला साबित हुआ है जिसकी सराहना आमजन के साथ देश-प्रदेश स्तर पर भी की गई।

गुजरात एवं इंदौर के विशेष चिकत्सा विशेषज्ञ आशाग्राम ट्रस्ट में आयोजित करते है शिविर

गुजरात के करमसद स्थित सुपर स्पेशलिटी श्रीकृष्ण हॉस्पिटल एवं झाइडस हॉस्पिटल आनंद के द्वारा समय-समय पर निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाते हैं। वही इंदौर के ही चोइथराम एवं मेदांता हॉस्पिटल के द्वारा शिविर आयोजित होते हैं।

आशा चिकित्सालय में भारत सरकार की आयुष्मान योजना हो रही है साकार

आशा चिकित्सालय में भारत सरकार की आयुष्मान योजना के अंतर्गत जहां विभिन्न शल्य चिकित्सा निःशुल्क की जा रही है। वहीं अब कलेक्टर श्री वर्मा सर के प्रयासों से हड्डी रोग से संबंधित समस्याओं एवं शल्य चिकित्सा हेतु आवश्यक सीआर्म मशीन भी आशा चिकित्सालय में रेडक्रॉस के माध्यम से उपलब्ध कराई गई है जिसके कारण स्थानीय स्तर पर ही घुटनों का प्रत्यारोपण भी आशा चिकित्सालय के ऑपरेशन थिएटर में आयुष्मान योजना के अंतर्गत निःशुल्क होने लगा है।

आयुष्मान योजना अंतर्गत निम्न बीमारियों का निःशुल्क उपचार किया जाता है

1. हड्डी फ्रेक्चर संबंधित समस्त उपचार एवं शल्य चिकित्सा।
2. जनरल मेडिसिन।
3. जनरल सर्जरी।
4. हाय रिस्क प्रसव, केंसर, गर्भाषय का ऑपरेशन।
5. नाक, कान, गले संबंधित ऑपरेशन।
6. युरोलॉजी शल्य चिकित्सा।

दिन प्रतिदिन चिकित्सालय हो रहा है अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित

नजातीय बाहुल्य जिला बड़वानी की आवश्यकता को दृष्टीगत रखते हुए आशा चिकित्सालय की पैथालॉजी को आवश्यक उपकरणों से सुसज्जीत किया गया है वहीं बैंक नोट प्रेस देवास के माध्यम से चिकित्सालय में सोनाग्राफी मशीन भी उपलब्ध कराई गई है।

आशा चिकित्सालय की विशेषताये

सुंदर एवं प्राकृतिक वातावरण के बीच मरीजों को उपचार के दौरान होती है शीघ्र स्वास्थ्य की प्राप्ति।
परिसर में ही पैथोलॉजी सोनोग्राफी व एक्स-रे की सुविधा उपलब्ध।
स्थानीय आवागमन के लिए लोकल विंगर एम्बुलेंस।
24 घण्टे मेडिकल स्टोर्स सुविधा।
शल्य चिकित्सा के लिए सुसज्जित ऑपरेशन थिएटर भवन आर्थिक सहयोग गोल्डन जुबली फाउण्डेशन भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा।
परिसर में ही जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र स्थापित होने से दिव्यांगजनों की करेक्टिव्ह सर्जरी एवं कृत्रिम अंग/उपकरण बनाने की सुविधा उपलब्ध।
निराश्रित मनोरोगियों के लिए आश्रय गृह।
चिकित्सालय में भर्ती प्रत्येक मरीज को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने एवं परामर्श हेतु पर्याप्त स्टाफ।
संस्था का नर्सिंग कॉलेज भी परिसर में होने से हर एक मरीज को प्रॉपर अटेंशन।
कैंटीन सुविधा।